एक व्यक्ति ने एक खुशाल जीवन जिया लेकिन बुढ़ापे में आकर इसे यह अह्सास हुआ कि उसके पास सम्पति के नाम पर कुछ भी नहीं हे और बो गिड़गिड़ाते हुए घुटनो के बल बैठ कर भगबान से पार्थना करने लगा कि है भगबान में एक अच्छा आदमी हुँ मैंने आज तक आप से कुछ भी नहीं मांगा और जो भी आप ने दिया उसके लिए में आप का आभारी हुँ लेकिन आज मेरी सिर्फ एक पुकार सुन लो मुझे एक लाटरी जितवा दो
हफ्ते बीत गए लेकिन कुछ नहीं हुआ उसने दोबारा भगबान से लाटरी जितबाने के लिए पार्थना की लेकिन फिर भी कुछ नही हुआ कई महीने बीत जाने के बाद उसकी बर्दास्त कि हद पार हो गई और फिर बो आसमान की ओर देखकर चिल्लाने लगा कि '' हे भगबान '' तुम समझते क्य़ो नहीं हो , में सिर्फ एक लाटरी जितबाने के लिए ही कह रहा हुँ ! उसी समय आसमान से आबाज गुजी कि '' तुम समझते किओ नहीं ,कम से कम पहले एक लाटरी का टिकिट तो ख़रीद लो ''
हफ्ते बीत गए लेकिन कुछ नहीं हुआ उसने दोबारा भगबान से लाटरी जितबाने के लिए पार्थना की लेकिन फिर भी कुछ नही हुआ कई महीने बीत जाने के बाद उसकी बर्दास्त कि हद पार हो गई और फिर बो आसमान की ओर देखकर चिल्लाने लगा कि '' हे भगबान '' तुम समझते क्य़ो नहीं हो , में सिर्फ एक लाटरी जितबाने के लिए ही कह रहा हुँ ! उसी समय आसमान से आबाज गुजी कि '' तुम समझते किओ नहीं ,कम से कम पहले एक लाटरी का टिकिट तो ख़रीद लो ''