क्योंकि इस समय जो लोग सरकार चला रहे हैं, वे संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। न्यायालय के निर्णयों पर अंगुलि उठा रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय की सर्वोच्चता को चुनौती देने की कोशिश कर रहे है। यदि इन्हें रोका नहीं गया, तो देश एक भयवाह दुष्चक्र में फंस जायेगा और भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था संकट में पड़ जायेगी ।
Monday, 24 June 2013
श्री मोदी चमत्कारी पुरुष नहीं है। वे देवता या देवदूत नहीं है। वे साधारण मानव है
क्योंकि इस समय जो लोग सरकार चला रहे हैं, वे संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। न्यायालय के निर्णयों पर अंगुलि उठा रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय की सर्वोच्चता को चुनौती देने की कोशिश कर रहे है। यदि इन्हें रोका नहीं गया, तो देश एक भयवाह दुष्चक्र में फंस जायेगा और भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था संकट में पड़ जायेगी ।