गूगल की शुरुआत 1996 में एक रिसर्च परियोजना के दौरान लैरी पेज तथा
सर्जी ब्रिन ने की। उस वक्त लैरी और सर्जी स्टैनफौर्ड युनिवर्सिटी,
कैलिफ़ोर्निया में पीएचडी के छात्र थे। उस समय, पारंपरिक सर्च इंजन सुझाव
(रिsaसल्ट) की वरीयता वेब-पेज पर सर्च-टर्म की गणना से तय करते थे, जब कि
लैरी और सर्जी के अनुसार एक अच्छा सर्च सिस्टम वह होगा जो वेबपेजों के
ताल्लुक का विश्लेषण करे। इस नए तकनीक को उन्होनें पेजरैंक
(PageRank) का नाम दिया। इस तकनीक में किसी वेबसाइट की
प्रासंगिकता/योग्यता का अनुमान, वेबपेजों की गिनती, तथा उन पेजों की
प्रतिष्ठा, जो आरम्भिक वेबसाइट को लिंक करते हैं के आधार पर लगाया जाता है।
1996 में आईडीडी इन्फ़ोर्मेशन सर्विसेस के रॉबिन लि
ने “रैंकडेक्स” नामक एक छोटा सर्च इंजन बनाया था, जो इसी तकनीक पर काम कर
रहा था। रैंकडेक्स की तकनीक लि ने पेटेंट करवा लिया और बाद में इसी तकनीक
पर उन्होंने बायडु नामक कम्पनी की स्थापना चीन में की। पेज और ब्रिन ने शुरुआत में अपने सर्च इंजन का नाम “बैकरब” रखा था, क्योंकि यह सर्च इंजन पिछले लिंक्स (backlinks) के आधार पर किसी साइट की वरीयता तय करता था।
अंततः, पेज और ब्रिन ने अपने सर्च इंजन का नाम गूगल (Google) रखा। गूगल अंग्रेज़ी के शब्द “googol”
की गलत वर्तनी है, जिसका मतलब है− वह नंबर जिसमें एक के बाद सौ शुन्य हों।
naamनाम “gooगूगल” इस बात को दर्शाता है कि कम्पनी का सर्च इंजन लोगों के
लिए जानकारी बड़ी मात्रा में उपलब्ध करने के लिए कार्यरत है। अपने शुरुआती
दिनों में गूगल स्टैनफौर्ड विश्वविद्यालय की वेबसाइट के अधीन
google.stanford.edu नामक डोमेन से चला। गूगल के लिए उसका डोमेन नाम 15
सितंबर, 1997 को रजिस्टर हुआ। सितम्बर 4, 1998 को इसे एक निजि-आयोजित
कम्पनी में निगमित किया गया। कम्पनी का पहला ऑफ़िस सुसान वोज्सिकि (उनकी
दोस्त) के गराज मेलनो पार्क, कैलिफ़ोर्निया में स्थापित हुआ। क्रेग सिल्वरस्टीन, एक साथी पीएचडी छात्र, कम्पनी के पहले कर्मचारी बनें।