पिछले हफ्ते सोने की कीमत धराशाई होने से आम निवेशकों के अलावा छोटे सराफा कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। आखिर ये कीमतें इतनी क्यों गिरी, इस पर से पर्दा उठाया है वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने।
सोने की कीमतों में आई भारी गिरावट के पीछे वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने वायदा बाजार में अटकलों के साथ बिकवाली को जिम्मेदार माना है।
काउंसिल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, शॉर्ट टर्म नजरिए पर आधारित स्टॉकिस्टों की मुनाफावसूली सोने में दीर्घकालीन निवेशकों के नजरिए विपरीत है।
उल्लेखनीय है कि वायदा बाजार में सोना 25,500 रुपये प्रति 10 ग्राम से भी नीचे पहुंच गई थी। हालांकि दुनिया भर में सस्ते सोने को खरीदने की होड़ के चलते तीन दिनों से सोना 26 हजार के स्तर पर कायम है।
वहीं बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ हफ्तों तक सोना 25,500 से 26,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच बना रहेगा।
कुछ इसी तरह की राय कॉमट्रेंड्ज रिसर्च डायरेक्टर घनसेकर थियागराजन ने कहा कि जब तक अमेरिकी डॉलर मजबूत नहीं होता है तब तक सोना इसी स्तर पर बना रहेगा।
एंजेल ब्रोकिंग एसोसिएट के डायरेक्टर (कमोडिटीज एंड करेंसी) नवीन माथुर ने कहा कि शनिवार को सोने की कीमत में पिछले हफ्ते की गिरावट के बाद कुछ रिकवरी हुई है। अभी सोने की कीमतों में तेजी के लिए कुछ वक्त लगेगा।