जिन दागियों से राजनीति के गंदा होने का खतरा हो
सकता है, उन दागियों को बचाने के लिए मनमोहन सिंह की सरकार अध्यादेश लाई.
अभी बीजेपी विरोध कर ही रही थी कि बागी तेवर के तलवार से अध्यादेश को
फाड़ते हुए बेहद सनसनीखेज तरीके से बाहर निकले राहुल गांधीअभी बीजेपी विरोध कर ही रही थी कि बागी तेवर के तलवार से अध्यादेश को
फाड़ते हुए बेहद सनसनीखेज तरीके से बाहर निकले राहुल गांधी
Friday 27 September 2013
Wednesday 25 September 2013
बॉलीवुड की हसीनाओं के सिर चढ़ बोल रहा है मोदी का जादू
बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी का जादू इन दिनों बॉलीवुड की हसीनाओं के सिर चढ़
बोल रहा है. पिछले दिनों मलिका शेरावत ने मोदी को देश का मोस्ट एलिजिबल
बैचलर बताया तो अब आइटम गर्ल श्रद्धा शर्मा भी मोदी की तारीफों के पुल बांध
रही हैं. जब उनसे देश की राजनीति के हालात के बारे में पूछा गया तो
उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी पार्टी का हिस्सा नहीं हूं. लेकिन नरेंद्र मोदी
में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए जरूरी सभी योग्यताएं और क्षमताएं हैं.
उनके काम को देखते हुए मैं चाहूंगी वे हमारे देश के प्रधानमंत्री बनें.’’
लगता है, बी-टाउन को भी मोदी के प्रधानमंत्री बनने का इंतजार है.
अखिलेश सरकार यूपी में नरेंद्र मोदी की रैलियों पर पाबंदी लगा सकती है
कानपुर और बहराइच प्रशासन ने सरकार से कहा है कि इन रैलियों से उनके
इलाके में साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है. प्रशासन को बीजेपी की मंशा
पर भी संदेह है क्योंकि ये दोनों रैलियां मुस्लिम पर्व के दिन आयोजित की
जा रही हैं. आपको बता दें कि कानपुर और बहराइच में मुसलमानों की
अच्छी-खासी तादाद है.
एक अधिकारी के मुताबिक, '15 अक्टूबर को
बकर-ईद हो सकती है और इसी दिन मोदी कानपुर में रैली करने वाले हैं. वहीं, 5
नवंबर को मोहर्रम है. इन तारीखों पर मोदी की रैली से माहौल खराब हो सकता
है.'
उन्होंने कहा, 'सरकार को बीजेपी नेताओं से बात कर रैली की
तारीख बदलवा देनी चाहिए. लेकिन पुराने अनुभवों से तो हमें यही लगता है कि
सरकार हिंदू और मुस्लिम वोटों का ध्रूवीकरण करने के लिए रैलियों पर पाबंदी
लगाकर विवाद खड़ा करने की कोशिश करेगी.'
सपा के राज्य प्रवक्ता और
जेल मंत्री राजेंद्र चौधरी से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, 'ऐसी
राजनीतिक पार्टियां भी हैं जो राज्य में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने की
कोशिश कर रही हैं. रैलियों के जरिए माहौल खराब करने की साजिश रच रहे लोगों
को यह पता होना चाहिए कि हम यूपी में ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे. हम ऐसी
रैलियों को आयोजित करने की मंजूरी नहीं दे सकते.'
हालांकि बीजेपी ने
ऐसी किसी मंशा से इनकार किया हे. बीजेपी के यूपी अध्यक्ष लक्ष्मी कांत
वाजपेयी का कहना है, 'मोदी की रैलियां ऐतिहासिक होंगी. जो लोग इसे
साम्प्रदायिक दंगों से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें यह नहीं भूलन
चाहिए कि चुनाव के दौरान रैलियां होना आम बात है. सपा को डर है कि 2014 के
लोक सभा चुनाव में मोदी उसे उखाड़ फेकेंगे.'
उन्होंने कहा, 'मोदी की रैली पर अगर किसी भी तरह का बैन लगाया गया तो हम समझेंगे कि सपा ने चुनाव से पहले ही हार मान ली है.'
Monday 23 September 2013
गजनी का आमिर खान बना सकती है फेसबुक की लत आपको
फेसबुक पर आपकी या आपके फ्रेंड की वॉल पर कोई पोस्ट देखते ही अगर आप
लाइक करते हैं, कमेंट करते हैं और फिर किसी डिसकशन में ऐसे उलझ जाते हैं,
मानो आपका निजी मैटर हो, तो समझ लीजिये आप भी गजनी फिल्म के आमिर खान की
राह पर चल रहे हैं। जी हां सही समझे आप, जरूरत से ज्यादा फेसबुक ऐक्सेस
करने से शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस की बीमारी हो जाती है।
स्टॉकहोम के केटीएच रॉयल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालॉजी के इरिक फ्रानसेन का
कहना है कि आज के 'इंफारमेशन ओवरलोड' के दौर में आफ लाइन रहना ज्यादा
बेहतर है क्योंकि जब आप सोशल मीडिया के एडिक्ट होते हैं तो बहुत सारी
घटनाओं को देखते हैं जो कि हमारे मन मस्तिष्क में गहरा प्रभाव छोड़ती हैं,
जिससे कि हम चीजों को कम समय में भूलने लगते हैं।
फ्रानसेन का कहना है कि हमारे दिमाग का वो हिस्सा जिसे 'वर्किंग मेमोरी'
के नाम से जानते हैं, घटनाओं को कम समय तक संचित रखता है। वर्किंग मेमोरी
के कारण ही हम बातचीत के दौरान आवश्यक मुद्दों पर अपनी राय दे पाते हैं और
जब हम ज्यादा सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं तो इसकी इंफार्मेशन
हमारी सीमित वर्किंग मेमोरी में जगह बना लेती है। यह मेमोरी तीन से चार
बातों को ही एक समय ध्यान रख सकती है, पर सोशल मीडिया का ज्यादा
इस्तेमाल करने से दिमाग का यह हिस्सा 'इंफार्मेशन ओवरलोड' का शिकार हो
जाता है, जिससे कि हमारी याद रखने की क्षमता का ह्रास होने लगता है।
इंटरनेट के अधिक इस्तेमाल से कैसे बचें
Wednesday 18 September 2013
चुनाव जीतने की सफलता के लिए सिर्फ तीन बातें ही जरूरी होती है
एक फिल्म में अभिनेत्री विद्या बालन ने कहा था कि फिल्म की सफलता के
लिए सिर्फ तीन बातें ही जरूरी होती है, इंटरटेनमेंट, इंटरटेनमेंट और
इंटरटेनमेंट। इसी तरह मोदी द्वारा गुजरात में किये गये प्रदर्शन के आधार पर
कहा जा सकता है कि चुनाव जीतने के लिए सिर्फ डेवलपमेंट, डेवलपमेंट और
डेवलपमेंट ही जरूरी है। यह पहली बार होगा जब भारत में चुनाव 'विकास' के
मुद्दे पर होगा। इसके बावजूद मोदी को वोट न देना और उनका 2014 में हार जाना
कुछ वैसा ही होगा, जैसे कि इंग्लैंड की क्रिकेट टीम से स्पिन विकेट पर
टीम इंडिया का हार जाना।
Monday 9 September 2013
दुनिया भर से 2,02,586 लोगों ने मंगल पर जाने और रहने की इच्छा जताई है.
मार्स वन संगठन ने एक बयान में कहा कि मौजूदा तकनीकों के आधार पर मंगल
पर बसना संभव है. दुनिया भर से 2,02,586 लोगों ने मंगल पर जाने और रहने की
इच्छा जताई है. इसमें भारत के 20,747 लोग हैं. अमेरिका के सबसे ज्यादा
47,654 लोग मंगल पर बसने की ख्वाहिश रखते हैं.
भारत दुनिया के उन देशों की सूची में दूसरे स्थान पर है, जहां के लोग
मंगल पर बसने की इच्छा रखते हैं. ‘मार्स वन’ नामक संगठन ने 2023 में मंगल
ग्रह पर इंसानों को बसाने की योजना बनाई है. इस प्रक्रिया में लोगों को
चुना जा रहा है.
20 हजार भारतीयों का सपना न्यारा, मंगल पर घर बने प्यारा
Thursday 5 September 2013
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