Monday 24 June 2013

श्री मोदी चमत्कारी पुरुष नहीं है। वे देवता या देवदूत नहीं है। वे साधारण मानव है

श्री नरेन्द्र मोदी में गरुर नहीं, विकट परिस्थितियों को अपने पक्ष में करने की जीवट ऊर्जा है


 श्री मोदी चमत्कारी पुरुष नहीं है। वे देवता या देवदूत नहीं है। वे साधारण मानव है, किन्तु दबंगऔर जुझारु राजनेता है। उनकी आक्रामक राजनीतिक शैली, विरोधियों में बौखलाहट पैदा करती है, उनके हौंसले पस्त कर देती है। वे भाग्य में विश्वास नहीं करते, अपितु कठोर परिश्रम में विश्वास करते हैं। देश की समस्याओं के प्रति उनका अपना एक विजन है। उनकी प्रशासनिक क्षमता बेजोड़ है, इसलिए एक पार्टी को नहीं, एक गठबंधन के नहीं, देश को उनकी जरुरत है।
क्योंकि इस समय जो लोग सरकार चला रहे हैं, वे संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को ठेस पहुंचा  रहे हैं। न्यायालय के निर्णयों पर अंगुलि उठा रहे  हैं। सर्वोच्च न्यायालय की सर्वोच्चता को चुनौती देने की कोशिश कर रहे है। यदि इन्हें रोका नहीं गया, तो देश एक भयवाह दुष्चक्र में फंस जायेगा और भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था संकट में पड़ जायेगी ।
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