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सचिन तेंदुलकर का संन्यासक्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का संन्यास:-

सचिन तेंदुलकर क्रिकेट का भगवान, वो इंसान जिसे उसके पहाड़ जैसे रिकॉर्ड के चलते ये नाम भारत में दिया गया। उस सचिन तेंदुलकर ने 40 साल की उम्र में खेल पर विराम का ऐलान कर दिया। मुंबई में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 14 नवंबर को 200वां टेस्ट खेलने के बाद वो अपना बल्ला रख देंगे। सचिन टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। जाहिर है एक नया रिकॉर्ड भी उनके नाम जुड़ जाएगा, सबसे अधिक 200 टेस्ट खेलने का रिकॉर्ड। अपने रिटायरमेंट संदेश में सचिन ने क्रिकेट से अपने इश्क का खुला इजहार भी किया, कहा कि क्रिकेट के बिना जिंदगी बेहद मुश्किल होगी।
सचिन ने अपने संदेश में कहा, अपनी सारी जिंदगी मेरे पास सिर्फ एक सपना था, भारत के लिए खेलना। पिछले 24 साल से हर रोज मैं यही सपना जी रहा हूं। क्रिकेट के बिना जिंदगी की कल्पना करना मेरे लिए मुश्किल है क्योंकि मैंने 11 साल की उम्र से बस यही एक काम किया है।
पिछले 24 साल से क्रिकेट की समरभूमि में गरज रहे योद्धा ने अपने हथियार रख दिए। क्रिकेट को रूह में उतार कर खेलने वाले सचिन रमेश तेंदुलकर ने उस सपने से बाहर आने का फैसला कर लिया जिसमें वो पल-पल जीते थे। चाहे 11 साल का छोटा नन्हा बल्ला थामने वाला सचिन हो या फिर 19 साल के धुंधराले बालों में सजा सचिन हो या फिर आज का सचिन। क्रिकेट के भगवान ने रिटायर होने का फैसला कर लिया।

जाहिर है क्रिकेट में डूबे इस खिलाड़ी के लिए क्रिकेट से जुदा होना बेहद मुश्किल फैसला था। लेकिन उसे लग गया कि यही वक्त है जब उसे खेल छोड़ देना चाहिए क्योंकि सचिन का प्रदर्शन मंद पड़ता जा रहा था। हालांकि, वो ऐसे मुकाम पर हैं जहां शायद ही कभी कोई क्रिकेटर पहुंच सका। इसलिए शायद भारी मन से सचिन ने बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को फोन किया और अनुरोध किया कि उनकी ओर से रिटायरमेंट का ये संदेश जारी कर दिया जाए।
राजीव शुक्ला ने सचिन के संन्यास पर कहा कि वो मुझसे अकसर कहते थे कि मैं एकद दिन उठूंगा और ये फैसला ले लूंगा। और आज मुझे उन्होंने फोन किया और कहा कि मुझे लग रहा है मुझे क्रिकेट छोड़ देना चाहिए। हमने उन्हें काफी बार कप्तानी के लिए कहा। लेकिन वो अपना निर्णय खुद लेते है।
अपने संदेश में सचिन बेहद दुख भरे लहजे में क्रिकेट से विदाई का संदेश अपने करोड़ों फैन्स को दिया है। सचिन ने संदेश में कहा कि ये मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा सम्मान था कि मैं अपने देश के लिए पूरी दुनिया में खेला। मैं अब अपने घरेलू जमीन पर अपने 200वें टेस्ट में खेलने की तैयारी कर रहा हूं। यही मेरा आखिरी टेस्ट होगा। मैं बीसीसीआई का शुक्रगुजार हूं कि उसने इतने सालों तक मेरा साथ दिया और मुझे अपने दिल के मुताबिक रिटायर होने का फैसला लेने की आजादी दी। मैं अपने परिवार का भी शुक्रगुजार हूं, उनके धैर्य और समझदारी के लिए। और सबसे अहम मैं अपने प्रशंसकों और शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा जिनकी प्रार्थनाओं और शुभकामनाओं की बदौलत ही मैं अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर सका।

 

कितने पानी में हैं आईपीएल के कप्तान?

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 4-0 से ऐतिहासिक जीत के बाद महेंद्र सिंह धोनी के हौसले बुलंद हैं। धोनी की अब अगली परीक्षा उनके फेवरेट फॉर्मेट आईपीएल में है।बतौर चेन्नई सुपर किंग्स कप्तान धोनी ने अपनी टीम को आईपीएल में 2 बार (2010, 2011) और चैंपियंस लीग (2010) में विजेता बनाया है। आईपीएल-6 में धोनी की सबसे बड़ी ताकत उनकी टीम है। चेन्नई की टीम में इस समय फॉर्म में चल रहे कई खिलाड़ी हैं। मुरली विजय, रविंद्र जडेजा, सुरेश रैना और आर. अश्विन इस टीम में हैं।पिछली बार फाइनल में पहुंचने के बाद खिताब से चूकने वाली चेन्नई की टीम इस बार खिताब फिर अपने पास लाने की पूरी कोशिश करेगी। 
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