Thursday 14 November 2013

ये अरबपतियों के 20 कथन आप का जीवन बदल देंगे


अरबपतियों के प्रेरक  कथन
Quote 1 सफलता  की  ख़ुशी  मानना  अच्छा  है  पर  उससे  ज़रूरी  है  अपनी  असफलता  से  सीख  लेना 
Bill Gates , Business Magnate, Investor & Philanthropist
Quote 2:   विजेता  बनने  का  एक  हिस्सा  ये  जानना  है  कि  कब  हद   पार  हो  चुकी  है  . कभी -कभी  आपको  लड़ाई  छोड़  कर  जाना  पड़ता  है , और  कुछ  और  करना  होता  है  जो  अधिक  प्रोडक्टिव  हो .
Donald Trump ,American Business Magnate, Investor & TV Personality
Quote 3:  जब  दुनिया  बदलने  की  बात  हो  तो  कोई  भी  काम  छोटा  नहीं  है …मैन  जब  भी  किसी  ऐसे  उद्द्यमी   से  मिलता हूँ  जो  सभी  बाधाओं  के  खिलाफ  सफल  हो  रहा  हो  तो  मुझे  प्रेरणा  मिलती   है .
Cyril Ramaphosa ,South African Politician & Businessman
Quote 4:  सफलता  का  फार्मूला  : जल्दी  उठो , कड़ी  मेहनत  करो , लकी  रहो .
 J. Paul Getty ,Founder of Getty Oil Company
Quote 5:शायद  विजन  ही  हमारी  सबसे  बड़ी  ताकत  है …इसने  हमें  सदियों  से  विचारों  की  शक्ति  और  निरंतरता  के  माध्यम  से  ज़िंदा  रखा  है , ये  हमें  भविष्य  में  झाँकने  और  अज्ञात  को  आकार  देने  में  सहायक  होता  है .
Li Ka-Shing , Hong Kong Business Magnate & Philanthropist
Quote 6: मैं  जैसे -जैसे  बूढ़ा   हो  रहा  हूँ  , मैं  इस  बात पर  कम  ध्यान  देता  हूँ  कि  आदमी  क्या कह  रहा है . मैं  बस  देखता  हूँ  कि  वो  क्या  कर  रहा  है .
 Andrew Carnegie ,Steel Magnate
Quote 7:  जिसे  और  लोग  विफलता  का  नाम  देने  या  कहने  की  कोशिश  करते  हैं , मैंने  सीखा  है  कि  वो  बस  भगवान्  का  आपको  नयी  दिशा  में  भेजने  का  तरीका  है .
 Oprah Winfrey ,Talk Show Host, Producer & Philanthropist
Quote 8:ये  मत  सोचो  कि  तुम्हे  रोका  नहीं  जा  सकता  या  तुमसे  गलती  नहीं  हो  सकती . ये  मत  सोचो  कि  तुम्हारा  बिजनेस  सिर्फ  परफेक्शन  के  साथ  काम  करेगा . परफेक्शन  को  लक्ष्य  मत  बनाओ . सफलता  को  लक्ष्य  बनाओ .
 Eike Batista, Brazilian Business Magnate
Quote 9: मेरे  लिए  व्यवसाय  बसों  की  तरह  है . आप  एक  कोने  में  खड़े  होते  हैं  और  पहली  बस  जहाँ  जा  रही  है  वो  आपको  पसंद  नहीं  ? दस  मिनट  प्रतीक्षा  कीजिये  और  दूसरी  ले  लीजिये . ये  भी  पसंद  नहीं ? वे  आती  रहेंगी . बसों  और  व्यवसायों  का  कोई  अंत  नहीं  है .
Sheldon Adelson, American Business Magnate
Quote 10:  मजे  लीजिये . खेल  में  तब  कहीं  ज्यादा  मजेदार  हो  जाता  है  जब  आप  सिर्फ  पैसे  कमाने  से  बढ़कर  काम  करते  हैं .
Tony Hsieh ,Founder of Zappos
Quote 11: यदि  आप  सोचते  हैं  कि  आप  कोई  काम  कर  सकते  हैं  या ये  सोचते  हैं  कि  आप  कोई  काम  नहीं  कर  सकते  हैं , आप  सही  हैं .
Henry Ford, Founder of Ford Motors
Quote 12:यदि  आप  चाहते  हैं  कि  कभी  आपकी  निंदा  ना  की  जाये  तो  भगवान्  के  लिए  कुछ  नया मत   कीजिये .
Jeff Bezos, Founder of Amazon
Quote 13: सबसे  बड़ा  रिस्क  कोई रिस्क  ना  लेना  है …इस  दुनिया  में जो सचमुच  इतनी  तेजी  से  बदल  रही  है , केवल  एक  रणनीति   जिसका  फेल  होना  तय  है  वो  है  रिस्क  ना  लेना .
Mark Zuckerberg, Founder & CEO of Facebook
Quote 14: वफादारी  सबसे  पहला  होने  से  नहीं  जीती  जाते . ये  सबसे  अच्छा  होने  से  जीती  जाती  है .
Stefan Persson, Founder of H&M
Quote 15: नियम नम्बर १: कभी पैसा मत गंवाइये . नियम नम्बर २: कभी नियम नम्बर १ मत भूलिए.
 Warren Buffett , Business Magnate, Investor & Philanthropist
Quote 16: मैं मानता हूँ कि हमारी मूल सोच है कि हमारे लिए विकास जीने का एक तरीका है और हमें हर समय विकास करना है .
Mukesh Ambani, Indian Business Magnate
Quote 17: व्यवसाय पर आधारित मित्रता , मित्रता पर आधारित व्यवसाय से बेहतर है .
John D. Rockefeller ,  Founder of  the Standard Oil Company & Philanthropist
Quote 18: कड़ी मेहनत निश्चित रूप से आपको बहुत आगे तक ले जाती है . आज-कल बहुत से लोग कड़ी मेहनत करते हैं, इसलिए आपको सुनिश्चित करना होगा कि आप और भी परिश्रम से काम करें और सचमुच खुद को उस काम के प्रति समर्पित कर दें जो आप कर रहे हैं और जिसे आप पाना चाहते हैं.
Lakshmi Mittal,Indian Steel Magnate
Quote 19:यदि लोग आपके लक्ष्य पर हंस नहीं रहे हैं तो आपके लक्ष्य बहुत छोटे हैं.
Azim Premji ,Indian Businessman & Philanthropist
Quote 20 :आप कस्टमर से यह नहीं पूछ सकते कि वो क्या चाहते हैं और फिर उन्हें वो बना के दें.आप जब तक उसे बनायेंगे तब तक वो कुछ नया चाहने लगेंगे.

बच्चों के प्रिय चाचा नेहरु का जन्मदिवस बाल दिवस के रूप में हर वर्ष मनाया जाता है।

zzzzzz.jpegजवाहरलाल नेहरु जी का जन्म 14 नवम्बर, 1889 को इलाहाबाद के एक अतिसंपन्न परिवार में हुआ था। कानून शास्त्र के ज्ञाता मोतीलाल नेहरू उनके पिता थे जो जटिल से जटिल मामलों को भी बङी सरलता से हल कर देते थे। उनकी माँ का नाम स्वरूप रानी नेहरू था।
मोतीलाल जी के घर में कभी भी किसी प्रकार की घार्मिक कट्टरता और भेद-भाव नही बरता जाता था। जवाहरलाल बालसुलभ जिज्ञासा और कौतूहल से धार्मिक रस्मों और त्योहारों को देखा करते थे। नेहरु परिवार में कश्मीरी त्योहार भी बङे धूम-धाम से मनाया जाता था। जवाहर को मुस्लिम त्योहार भी बहुत अच्छे लगते थे। धार्मिक रस्मों और आकर्षण के बावजूद जवाहर के मन में धार्मिक भावनाएं विशवास न जगा सकी थीं। बचपन में जवाहर का अधिक समय उनके यहाँ के मुंशी मुबारक अली के साथ गुजरता था। मुंशी जी गदर के सूरमाओं और तात्याटोपे तथा रानी लक्ष्मीबाई की कहानियाँ सुनाया करते थे। जवाहर को वे अलिफलैला की एवं और दूसरी कहानियाँ भी सुनाते थे।
बच्चों के प्रिय चाचा नेहरु का जन्मदिवस बाल दिवस के रूप में हर वर्ष मनाया जाता है। नेहरू जी का जन्मदिन उनके पहले जन्मदिन से ही एक अलग अंदाज में मनाया जाता था। जन्म के बाद से लगातार हर वर्ष 14 नवम्बर के दिन उन्हें सुबह सवेरे तराजू में तौला जाता था। तराजू में बाट की जगह गेँहू या चावल के बोरे रखे जाते थे। तौलने की यह क्रिया कई बार होती थी। कभी मिठाई तो कभी कपङे बाट की जगह रखे जाते थे। चावल, गेँहु, मिठाई एवं कपङे गरीबों में बाँट दिये जाते थे। बढती उम्र के साथ बालक जवाहर को इससे बहुत खुशी होती थी। एक बार जवाहरलाल ने अपने पिता से पूछा कि हम एक वर्ष में एक से ज्यादा बार जन्मदिन क्यों नही मनाते ताकि अधिक से अधिक लोगों की सहायता हो सके। बालक जवाहर का ये प्रश्न उनकी उदारता को दर्शाता है।
भारत की स्वतंत्रता के प्रति उनका लगाव बचपन से ही था। एक बार की बात है कि ”मोतीलाल नेहरु अपने घर में पिंजरे में तोता पाल रखे थे। एक दिन जवाहर ने तोते को पिंजरे से आज़ाद कर दिया। मोतीलाल को तोता बहुत प्रिय था। उसकी देखभाल एक नौकर करता था। नौकर ने यह बात मोतीलाल को बता दी। मोतीलाल ने जवाहर से पूछा, ‘तुमने तोता क्यों उड़ा दिया। जवाहर ने कहा, ‘पिताजी पूरे देश की जनता आज़ादी चाह रही है। तोता भी आज़ादी चाह रहा था, सो मैंने उसे आज़ाद कर दिया।’”
जवाहर लाल नेहरु अपने पिता मोतीलाल नेहरु से अत्यधिक प्रभावित थे। मोतीलाल नेहरु पर पाश्चात्य संस्कृति का अधिक असर था, अतः जवाहर को 13 मई, 1905 को लन्दन के निकट हैरो (Harrow) में शिक्षा प्राप्त करने के लिए भेज दिया गया। हैरो में ही “हैरो स्कूल” नाम का एक प्राइवेट बोर्डिगं स्कूल था, जहाँ संभ्रान्त अंग्रेजों के बच्चों को शिक्षा दी जाती थी। जवाहर पढाई में शुरू से अच्छे थे किन्तु लेटिन भाषा में कुछ पिछङे हुए थे। इसका कारण ये था कि उन्हे लैटिन जैसी मृत भाषा पसन्द नही थी। मोतीलाल नेहरु जवाहर को अच्छे काम के लिए अक्सर ईनाम में किताबें दिया करते थे। लैटिन भाषा के प्रति रुचि जगाने हेतु उन्होने जवाहर को गैरीबाल्डी के बारे में जी. एम. ट्रैविलियन की किताब इनाम में दी। गैरीबाल्डी को पढने के बाद इटली के एकीकरण की लङाई, जनवादी जनतंत्र की स्थापना की लङाई में अपनी व्यापकता, ऐतिहासिक महत्व और उदात लक्ष्यो से जवाहर अभिभूत हो गये। जवाहर लाल नेहरु जी ने कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज, लंदन से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की। जब वे कैम्ब्रिज में पढाई कर रहे थे तो वहाँ उन्हे विपिन्न चन्द्र पाल, लाला लाजपत राय और गोपाल कृष्ण गोखले जैसे देशभक्तो को सुनने का अवसर प्राप्त हुआ। जवाहर, गोपाल कृष्ण गोखले से अत्यधिक प्रभावित हुए।
भारत गवर्नर-जनरल लार्ड कर्जन की दमनात्मक नीति के भीषण दौर से गुजर रहा था। कर्जन ने बंगाल में हिन्दु और मुसलमान को दो भागों में विभाजित कर दिया था। सारे देश में क्षोभ का ज्वार उमङ पङा था। इंग्लैंण्ड में जब जवाहर को ये खबर पता चली तो उनका खून खौल उठा। धन-धान्य से संपन्न परिवार में जन्में जवाहरलाल को सर्वसुविधा प्राप्त थी। इसके बावजूद ऐश्वर्य के माया जाल से नेहरु जी मोहित नही हुए उनमें देश प्रेम की भावना हिलोरे लेने लगी। जवाहरलाल गरमदल वालों की कारवाइयों का पक्ष लेते और भारत के स्वाधीनता आन्दोलन के पैमाने पर खुशी जताते थे। फिक्र सिर्फ इस बात की थी कि उनकी राय पिता की राय से मेल नही खाती थी इसके बावजूद परस्परविरोधी मत व्यक्त करने में कोई बाधा उत्पन्न नही होती थी क्योंकि वार्तालाप में पुत्र की आज्ञाकारिता और पिता का स्नेह झलकता था। उन दिनों टाइम्स में खबर छपी कि कश्मीर में स्वदेशी आंदोलन फैल गया है वहाँ लोगों ने चन्दा करके अंग्रजी चीनी खरीद ली और उसे जला दिया। ये घटनाएं देशप्रेम की भावनाओं को और मजबूत करती रहीं।
1912 में जब भारत वापस आए तो अपने पिता के असिस्टेंट के रूप में वकालत की प्रैक्टिस करने लगे। पिता के मार्गदर्शन में उनकी वकालत की तारीफ होने लगी थी। उनके जिरहों में सजीवता और अभियोग पक्ष की भूलों को पकङने की योग्यता साफ दिखाई देने लगी थी। जब जवाहर को एक मुवक्किल से फीस के रूप में 500 रूपये का नोट मिला तो मोतीलाल नेहरु बेटे की प्रगति पर बहुत खुश हुए। वकालत अच्छी चल रही थी फिर भी जवाहर का मन इस पेशे से खुश नही था उनका मन तो देशप्रेम की बातों में रमने लगा था। कुछ समय पश्चात जवाहर देश भक्ति के रंग में पूरी तरह से रंग गये।
भारत लौटने के चार वर्ष बाद मार्च 1916 में नेहरू का विवाह कमला कौल के साथ हुआ। 1917 में जवाहर लाल नेहरू होम रुल लीग‎ में शामिल हुए। 1919 में  जब वे महात्मा गांधी के संपर्क में आए तब से सही मायने में राजनीति में प्रवेश किये। उस समय महात्मा गांधी ने रॉलेट अधिनियम के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था। नेहरू, महात्मा गांधी के सक्रिय लेकिन शांतिपूर्ण, सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रति बहुत आकर्षित हुए थे।
गॉधी जी से मिलने के बाद मोतीलाल नेहरु पर भी देशप्रेम का रंग चढ गया था। जवाहरलाल और मोतीलाल नेहरू ने पश्चिमी कपडों और महंगी संपत्ति का त्याग कर दिया। वे अब खादी कुर्ता और गाँधी टोपी पहनने लगे। जवाहर लाल नेहरू ने 1920-1922 में असहयोग आंदोलन में सक्रिय हिस्सा लिया और इस दौरान पहली बार गिरफ्तार किए गए।
जवाहरलाल नेहरू 1924 में इलाहाबाद नगर निगम के अध्यक्ष चुने गए और उन्होंने शहर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में दो वर्ष तक सेवा की। मातृ-भूमि की स्वतंत्रता हेतु अक्सर अंग्रेजों द्वारा जेल भेज दिये जाते थे ऐसे ही एक अवसर पर 1942 से 1946 के दौरान जब वे अहमदनगर की जेल में थे वहाँ उन्होने ‘भारत एक खोज’ पुस्तक लिखी थी। जिसमें उन्होने भारत के गौरव पूर्ण इतिहास का बहुत ही सुन्दर वर्णन किया है।
दिसम्बर 1929 में, कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन लाहौर में आयोजित किया गया जिसमें जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। इसी सत्र के दौरान एक प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें ‘पूर्ण स्वराज्य’ की मांग की गई। 26 जनवरी, 1930 को लाहौर में जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया। जवाहर लाल नेहरु 1930 और 1940 के दशक में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे।
सन् 1947 में भारत को आजादी मिलने पर वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। संसदीय सरकार की स्थापना और विदेशी मामलों में ‘गुटनिरपेक्ष’ नीतियों की शुरूवात जवाहरलाल नेहरु द्वारा  हुई। पंचायती राज के हिमायती नेहरु जी का कहना था किः-
“अन्तर्राष्ट्रीय दृष्टि से, आज का बड़ा सवाल विश्वशान्ति का है। आज हमारे लिए यही विकल्प है कि हम दुनिया को उसके अपने रूप में ही स्वीकार करें। हम देश को इस बात की स्वतन्त्रता देते रहे कि वह अपने ढंग से अपना विकास करे और दूसरों से सीखे, लेकिन दूसरे उस पर अपनी कोई चीज़ नहीं थोपें। निश्चय ही इसके लिए एक नई मानसिक विधा चाहिए। पंचशील या पाँच सिद्धान्त यही विधा बताते हैं।“
27 मई 1964 की सुबह जवाहर लाल नेहरु जी की तबीयत अचानक खराब हो गई थी, डॉक्टरों के अनुसार उन्हे दिल का दौरा पङा था। दोपहर दो बजे नेहरु जी इह लोक छोङकर परलोक सिधार गये। उस समय उनके बिस्तर के पास टेबल पर रॉबर्ट फ्रास्ट की किताब खुली हुई पङी थी, जिसमें नेहरु जी ने अपनी प्रिय पंक्तियों को रेखांकित किया हुआ थाः-
The woods are lovely, dark and deep
But I have promises to keep
And miles to go before I sleep.
ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उन्हे मृत्यु का एहसास हो गया था और अपने जीवन दायित्व को पूरी तरह निभा चुके मनुष्य की भाँति उन्होने शान के साथ उसका वरण किया…..
सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा थाः-
‘जवाहर लाल नेहरू हमारी पीढ़ी के एक महानतम व्यक्ति थे। वह एक ऐसे अद्वितीय राजनीतिज्ञ थे, जिनकी मानव-मुक्ति के प्रति सेवाएं चिरस्मरणीय रहेंगी। स्वाधीनता-संग्राम के योद्धा के रूप में वह यशस्वी थे और आधुनिक भारत के निर्माण के लिए उनका अंशदान अभूतपूर्व था।’
स्वतंत्रता के इतिहास में नेहरु जी का अपना एक विषेश स्थान है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु जी के जन्मदिवस पर हार्दिक अभिन्नदन के साथ कलम को विराम देते हैं।

Monday 11 November 2013

यदि आप सपने देखें, कड़ी मेहनत करें और ईश्वर में आस्था रखें तो कुछ भी सम्भव है।”


Maricel Apatan Story in Hindiये एक लड़की की सच्ची कहानी है जो हमें कठिन से कठिन परिस्थितियों के बावजूद जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा देती है .
25 सितम्बर , 2000 की बात है . तब Maricel Apatan ( मैरिकेल ऐप्टैन) महज 11 साल की थी . उस दिन वो अपने अंकल के साथ पानी लाने के लिए बाहर निकली हुई थी. रास्ते में उन्हें चार -पांच लोगों ने घेर लिया , उनके हाथों में धारदार हथियार थे . उन्होंने अंकल से जमीन पर झुक जाने के लिए कहा और उन्हें बेहरहमी से मारने लगे .
ये देख Maricel सदमें में आ गयीं , वो उन लोगों को जानती थी , वे उसके पडोसी थे . उसे लगा कि अब उसकी जान भी नहीं बचेगी और  वो  उनसे बच कर भागने लगी . पर वो छोटी थी और हत्यारे आसानी से उसतक पहुँच गए …वो चिल्लाने लगी …, “कुया , ‘वाग पो , ‘वाग न ’यो एकांग टैगईन ! मावा पो कायो सा एकिन !” ( मुझे मत मारो …मुझ पर दया करो …)
पर उन दरिंदो ने उसकी एक ना सुनी , और उनमे से एक ने गले पर चाक़ू से वार कीया। Maricel जमीन पर गिरकर बेहोश हो गयी .जब थोड़ी देर बाद उसे होश आया तो उसने देखा कि वहाँ खून ही खून था और वे लोग अभी भी वहीँ खड़े थे , इसलिए उसने बिना किसी हरकत के मरे होने का नाटक किया .
जब वे लोग चले गए तब वो उठी और घर की और दौड़ने लगी…. भागते -भागते ही उसने देखा कि उसकी दोनों हथेलियां हाथ से जुडी लटक रही हैं . यह देख Maricel और भी घबरा गयी , और रोते -रोते भागती रही …. जब वो अपने घर के करीब पहुँच गयी तब अपनी माँ को आवाज़ दी …
माँ बाहर आयीं और अपनी बेटी की ये हालत देख भयभीत हो गयीं , उन्होंने बेटी को तुरंत एक कम्बल में लपेटा और हॉस्पिटल ले गयीं . हॉस्पिटल दूर था , पहुँचते -पहुँचते काफी वक़्त बीत गया . डॉक्टर्स को कोई उम्मीद नहीं थी कि वे Maricel को बचा पाएंगे पर 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद भी  वो ज़िंदा थी . पर डॉक्टर्स उसका हाथ नहीं बचा पाये थे .
परेशानियां यहीं नहीं ख़त्म हुईं , जब वे वापस गए तो उनका घर लूट कर जलाया जा चुका था . गरीब होने के कारण उनके पास हॉस्पिटल का बिल भरने के पैसे भी नहीं थे …पर दूर के एक रिश्तेदार आर्चबिशप अंटोनिओ लेडेसमा की मदद से वे बिल भर पाये और अपराधियों को सजा भी दिलवा पाये .
इतना कुछ हो जाने के बाद भी Maricel ने कभी भगवन को नहीं कोसा कि उसके साथ ही ऐसा क्यों हुआ , बल्कि उसका कहना है कि , “ ईश्वर में विश्वाश रखते हुए , मैं और भी दृढ निश्चियी हो गयी कि मुझे एक सामान्य जीवन जीना है . मुझे लगता है कि मैं दुनिया में किसी ज़रूरी मिशन के लिए हूँ इसीलिए मैं इस हमले से बच पायी हूँ .”
Maricel ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की और 2008 में होटल मैनेजमेंट का कोर्स भी पूरा किया . और बचपन से खाना बनाने के शौक के कारण 2011 में शेफ बनने की शिक्षा पूरी की.
Maricel Apatan Hindi 2इतनी बड़ी डिसेबिलिटी के बावजूद जीवन में आगे जाने के जज़बे को आस -पास के लोग नज़रअंदाज नहीं कर सकते थे , और जल्द ही Maricel को मीडिया हाईलाइट करने लगा . ऐसे ही एक कार्यक्रम को देख कर होटल एडसा शांग्री -ला , Manila, Philippines ने उसे अपने यहाँ किसी प्रोजेक्ट पर काम करने का मौका दिया .
Maricel के साथ काम करने वाले शेफ अल्ज़ामिल बोर्जा बताते हैं ,“वो मदद के लिए सिर्फ तभी पुकारती हैं जब उन्हें कोई गरम पात्र हटाना होता है या किसी शीशी का चिकना ढक्कन खोलना होता है .”
Maricel Apatan Hindi 3Maricel आज भी उसी होटल में बतौर शेफ काम करती हैं और अपने जज़बे के दम पर लाखो -करोड़ों लोगो को प्रेरित करती रहती हैं .
Friends, अक्सर हम अपनी life में आने वाली छोटी -मोटी परेशानियों से घबरा जाते हैं और अपना विश्वास कमजोर कर बैठते हैं , पर आज की ये कहानी बताती है कि situation कितनी ही खराब क्यों न हो हम उसे बदल सकते हैं। Maricel की कही एक बात हमें याद रखनी चाहिए- , ” यदि आप सपने देखें, कड़ी मेहनत करें और ईश्वर में आस्था रखें तो कुछ भी सम्भव है।”

Sunday 10 November 2013

माला सिन्हा और जॉनी वॉकर को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं..

एक ने नेपाल से आकर हिंदुस्तानियों के दिल पर राज किया तो दूसरे ने इंदौर की गलियों से निकलकर भारतीय दर्शकों को हंसने का अंदाज़ सिखाया।
माला सिन्हा और जॉनी वॉकर उर्फ बहरुद्दीन जमालुद्दीन काज़ी का आज जन्मदिन है।
जॉनी जी आज हमारे बीच मौजूद नहीं और माला जी को इंडस्ट्री छोड़े अरसा हो गया। पर हमारे ज़हन में तो आज भी इनका फ़न ताज़ा है न?
लाइक, शेयर और कॉमेंट करके जॉनी वॉकर को दीजिए श्रद्धांजलि और माला सिन्हा को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं..

Friday 8 November 2013

हैप्पी बर्थडे लाल कृष्ण आडवाणी

लालकृष्ण आडवाणी, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ट नेता हैं। भारतीय जनता पार्टी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में उनका योगदान सर्वोपरि कहा जा सकता है। वे कई बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। जनवरी २००८ में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबन्धन (एन डी ए) ने लोकसभा चुनावों को आडवाणी के नेतृत्व में लडने तथा जीत होने पर उन्हे प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा की थी।
भारतीय जनता पार्टी के जिन नामों को पूरी पार्टी को खड़ा करने और उसे राष्ट्रीय स्तर तक लाने का श्रेय जाता है उसमें सबसे आगे की पंक्ति का नाम है लालकृष्ण आडवाणी । लालकृष्ण आडवाणी कभी पार्टी के कर्णधार कहे गए, कभी लौह पुरुष और कभी पार्टी का असली चेहरा। कुल मिलाकर पार्टी के आजतक के इतिहास का अहम अध्याय हैं लालकृष्ण आडवाणी।

राजनैतिक जीवन

वर्ष 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की। तब से लेकर सन 1957 तक आडवाणी पार्टी के सचिव रहे। वर्ष 1973 से 1977 तक आडवाणी ने भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष का दायित्व संभाला। वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से 1986 तक लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के महासचिव रहे। इसके बाद 1986 से 1991 तक पार्टी के अध्यक्ष पद का उत्तरदायित्व भी उन्होंने संभाला।
इसी दौरान वर्ष 1990 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या के लिए रथयात्रा निकाली। हालांकि आडवाणी को बीच में ही गिरफ़्तार कर लिया गया पर इस यात्रा के बाद आडवाणी का राजनीतिक कद और बड़ा हो गया।1990 की रथयात्रा ने लालकृष्ण आडवाणी की लोकप्रियता को चरम पर पहुँचा दिया था। वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनमें आडवाणी का नाम भी शामिल है।
लालकृष्ण आडवाणी तीन बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। आडवाणी चार बार राज्यसभा के और पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे। वर्तमान में भी वो गुजरात के गांधीनगर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के सांसद हैं।वर्ष 1977 से 1979 तक पहली बार केंद्रीय सरकार में कैबिनेट मंत्री की हैसियत से लालकृष्ण आडवाणी ने दायित्व संभाला। आडवाणी इस दौरान सूचना प्रसारण मंत्री रहे।
आडवाणी ने अभी तक के राजनीतिक जीवन में सत्ता का जो सर्वोच्च पद संभाला है वह है एनडीए शासनकाल के दौरान उपप्रधानमंत्री का। लालकृष्ण आडवाणी वर्ष 1999 में एनडीए की सरकार बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेत़ृत्व में केंद्रीय गृहमंत्री बने और फिर इसी सरकार में उन्हें 29 जून, 2002 को उपप्रधानमंत्री पद का दायित्व भी सौंपा गया।
भारतीय संसद में एक अच्छे सांसद के रूप में आडवाणी अपनी भूमिका के लिए कभी सराहे गए तो कभी पुरस्कृत भी किए गए।

जीवन वृत्त

आठ नवंबर, 1927 को वर्तमान पाकिस्तान के कराची में लालकृष्ण आडवाणी का जन्म हुआ था । उनके पिता श्री के डी आडवाणी और माँ ज्ञानी आडवाणी थीं । विभाजन के बाद भारत आ गए आडवाणी ने 25 फ़रवरी, 1965 को 'कमला आडवाणी' को अपनी अर्धांगिनी बनाया । आडवाणी के दो बच्चे हैं।
लालकृष्ण आडवाणी की शुरुआती शिक्षा लाहौर में ही हुई पर बाद में भारत आकर उन्होंने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से लॉ में स्नातक किया । आज वे भारतीय राजनीति में एक बड़ा नाम हैं। गांधी के बाद वो दूसरे जननायक हैं जिन्होंने हिन्दू आंदोलन का नेतृत्व किया और पहली बार बीजेपी की सरकार बनावाई । लेकिन पिछले कुछ समय से अपनी मौलिकता खोते हुए नज़र आ रहे हैं। जिस आक्रामकता के लिए वो जाने जाते थे, उस छवि के ठीक वीपरीत आज वो समझौतावादी नज़र आते हैं । हिन्दुओं में नई चेतना का सूत्रपात करने वाले आडवाणी में लोग नब्बे के दशक का आडवाणी ढूंढ रहे हैं । अपनी बयानबाज़ी की वजह से उनकी काफी फज़ीहत हुई । अपनी किताब और ब्लॉग से भी वो चर्चा में आए। आलोचना भी हुई ।

Wednesday 6 November 2013

आप अपने कीमती समय को फेसबुक पर खर्च करते रहते है कयो न आप फेसबुक के साथ साथ कुछ समय ब्लॉग पर भी खर्च करे

दोस्तों क्या आप को पता है कि आज कि दुनिया में पैसा ही सब कुछ है लेकिन दोस्तों ये बात सब लोग जानते है फिर भी अपने कीमती समय को फेसबुक पर खर्च करते रहते है कयो न आप फेसबुक के साथ साथ कुछ समय ब्लॉग पर भी खर्च करे तो आप को बो सब कुछ भी मिलेगा जो फेसबुक पर मिलता है  और साथ ही पैसा भी आप अपने ब्लॉग पर गूगल एडसेन्स प्रोग्राम को जोड़कर पैसा भी कमा सकते है और  फेसबुक कि तरह फेन्स  भी गूगल एडसेन्स  गूगल  के  दुआरा चलाया गया एक ऐसा प्रोग्राम है जो आप को आप के ब्लॉग पर आने बाले हर पर्सन पर पैसा देता है
यदि  आप के ब्लॉग पर /मंथ





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निराशा से निकलने और खुद को Motivate करने के 16 तरीके

दोस्तों कई बार ऐसा होता है कि हम भले ही बड़े motivation के साथ कोई काम शुरू करें पर किन्ही कारणों से कुछ समय बाद हम अपना motivation lose कर देते हैं, और वापस track पर आना मुश्किल लगने लगता है. आज AchhiKhabar.Com पर मैं आपके साथ ऐसी ही state से बाहर निकलने के 16 तरीके share कर रहा हूँ. ये पोस्ट  Leo Babauta ने अपने बेहद popular ब्लॉग Zen Habits पर लिखी है , इसका  title “Get Off Your Butt: 16 Ways to Get Motivated When You’re in a Slump” है और मैं यहाँ इसी पोस्ट का Hindi translation आपके साथ share कर रहा हूँ.

 निराशा से निकलने और खुद को Motivate करने के 16 तरीके 

 हममें से सबसे अधिक motivated लोग भी- आप,मैं, Tony Robbins (a self-help expert like Shiv Khera) – कभी -कभार demotivated feel कर सकते हैं. यहाँ तक की , कभी-कभी हम इतना low feel कर सकते हैं  कि positive बदलाव के बारे में सोचना भी बहुत कठिन लगने लगता है.
पर ये निराशाजनक नहीं है: छोटे छोटे steps लेकर आप सकारात्मक बदलाव के रास्ते पर वापस आ सकते हैं.
हाँ , मैं जानता हूँ, कभी कभी ये असंभव लगता है. आपको कुछ करने का मन नहीं करता. मेरे साथ भी ये हुआ है,दरअसल अभी भी समय समय पर मैं ऐसा feel करता हूँ. आप अकेले नहीं हैं . लेकिन मैंने इस निराशा से बाहर निकलने के कुछ तरीके सीख लिए हैं, और हम आज उन्ही पर नज़र डालेंगे.
जब बीमारी , चोट या life में चल रही किसी और समस्या के कारण में व्यायाम नहीं कर पाता तो उसे वापस से शुरू करना कठिन होता है. कई बार, मैं उसके बारे में सोचना भी नहीं चाहता . लेकिन मैं हमेशा उस  feeling से उबरने का कोई ना कोई रास्ता निकाल लेता हूँ, और यहाँ ऐसी ही कुछ बाते हैं जो मेरे लिए मददगार साबित होती हैं.
 1. One Goal  एक लक्ष्य
जब भी मैं  थोडा down हुआ हूँ , मैंने पाया है कि अक्सर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेरी life में एक साथ बहुत कुछ चल रहा होता है. मैं बहुत कुछ करने की कोशिश कर रहा होता हूँ. और ये मेरी energy और motivation को ख़तम कर देता है. शायद ये सबसे common mistake है जो लोग करते हैं: वो एक साथ बहुत कुछ करने की कोशिश करते हैं. यदि एक समय में दो या उससे अधिक लक्ष्य achieve करने का प्रयास करते हैं तो आप अपनी  ( लक्ष्य पाने के लिए दो सबसे महत्त्वपूर्ण चीजें ) energy और focus बनाये नहीं रख पाते.  ये संभव नहीं है – मैंने कई बार कोशिश की है. आपको अभी के लिए कोई एक लक्ष्य चुनना होगा, और पूरी तरह से उसपर focus करना होगा. मुझे पाता है ये कठिन है, पर मैं अपने experience से बता रहा हूँ. एक बार आप अपना अभी का निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर लें फिर उसके बाद आप अपने बाकी लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं.
2. Find Inspiration प्रेरणा खोजिये
मुझे उन लोगों से प्रेरणा मिलती है जिन लोगों already वो achieve कर लिया है जो मैं करना चाहता हूँ, या वो लोग जो वही कर रहे हैं जो मैं करना चाहता हूँ. मैं औरों के blogs, books,magazines पढता हूँ. मैं अपने goals को Google करता हूँ , और success stories पढता हूँ.  Zen Habits ऐसी ही जगहों में से एक है, सिर्फ मुझसे ही नहीं बल्कि अन्य कई readers से जिन्होंने अद्भुत चीजें प्राप्त की हैं.
3. Get Excited उत्साहित होइए
ये सुनने में बहुत obvious सी बात लगती है, पर ज्यादातर लोग इस बारे में अधिक नहीं  सोचते हैं: अगर आप निराशा से निकलना चाहते हैं, तो किसी लक्ष्य के लिए उत्साहित हो जाइये. पर अगर आप motivated नहीं feel करते हैं तो आप excited कैसे feel करेंगे? Well, इसकी शुरुआत दूसरों से प्रेरणा लेकर होती है, लेकिन आपको दूसरों से उत्साह लेकर उसे अपनी उर्जा में बदलना होगा.मैंने पाया है कि  मैं अपनी wife और अन्य लोगों से बात करके, इस बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़कर, और इसे  visualize (दिमाग  में  goal achieve करने से होने वाले फायदे को देखना ) करके कि  successful होना कैसा लगेगा, excited feel करने लगता हूँ. एक बार ये कर लिया तो बस इसी energy को आगे carry करने और आगे बढ़ने की ज़रुरत रहती है.
4.Build Anticipation अपेक्षा करें
ये सुनने में कुछ कठिन लग सकता है, और अकी लोग इस tip को skip कर देंगे. लेकिन ये सचमुच काम करती है. कई बार असफल प्रयासों के बाद इसी टिप की वजह से मैं cigarette पीना छोड़ पाया.अगर आपको अपना goal achieve करने की प्रेरणा मिल जाती है तो  तुरंत उसे प्राप्त करने का प्रयास ना करें. हममें से कई लोग excited होके आज ही अपना काम शुरू करना चाहेंगे. ये एक गलती है. Future की कोई date set कीजिये – एक या दो हफ्ते बाद , या एक महीना भी  – और उसे अपनी Start Date बनाइये. उसे कैलेण्डर पर mark कर लीजिये. उस date को लेकर उत्साहित होइए. उसे अपने जीवन की  सबसे important date बना लीजिये. इस बीच अपना प्लान बनाइये. और नीचे दिए गए कुछ steps follow कीजिये. क्योंकि अपनी start delay करके आप anticipation build करते हैं और अपने लक्ष्य के प्रति अपनी उर्जा और ध्यान बढाते हैं.
5. Post your goal  अपना लक्ष्य प्रकाशित करें
अपने goal का एक बड़ा सा print निकाल लें. अपना लक्ष्य कुछ ही शब्दों में लिखें , जैसे कोई मन्त्र  (“Exercise 15 mins. Daily”), और उसे अपने दीवार या फ्रिज पर चिपका दें. इसे अपने घर में अपने office में लगा लें उसे अपने computer के desktop पर लगा लें. आप अपने goals के लिए बड़े reminders लगाना चाहते हैं , ताकि  आप अपने goal पर focus कर पाएं और उसे लेकर excited रह पाएं. अपने goal से सम्बंधित कोई picture लगाना भी  helpful हो सकता है  (like a model with sexy abs, for example).
6.Commit Publicly सार्वजनिक रूप से प्रतिज्ञा लीजिये 
कोई भी दूसरों के सामने बुरा नहीं दिखना चाहता है . जो बात हमने publicly कही है उसे करने के लिए हम extra effort करते हैं. For example, जब मैं अपनी पहली मैराथन दौड़ दौड़ना चाहता था , तब मैंने अपने  local newspaper में इस बारे में एक column लिखना शुरू कर दिया. Guam की पूरी आबादी मेरे इस goal के बारे में जान गयी. अब मैं पीछे नहीं हट सकता था , हालांकि मेरी motivation कम -ज्यादा होती रही पर मैं इस goal को पकडे रहा और दौड़ complete की.आपको किसी newspaper में अपना goal commit करने की ज़रुरत नहीं है , पर आप इसे अपने family,friends, और co-workers से बता सकते हैं, और यदि आपका कोई blog है तो उसपर भी इस बारे में लिख सकते हैं.और खुद को जिम्मेदार ठेराइये – केवल एक बार commit मत करिए , बल्कि अपने progress के बारे में सभी को हर हफ्ते या महीने update करने के लिए भी commit करिए.
7. Think about it daily इस बारे में रोज़ सोचिये
यदि आप रोज़ अपने लक्ष्य के बारे में सोचते हैं तो उसके पूर्ण होने की संभावना कहीं अधिक है. इसीलिए अपने लक्ष्य को दीवार पर या desktop पर लगाना मददगार होता है . हर रोज़ खुद को reminder भेजना भी helpful होता है. और अगर आप रोज बस पांच मिनट भी ये छोटा सा काम करेंगे तो ये लगभग तय है की आपका लक्ष्य पूर्ण होगा.
8. Get Support.  मदद लीजिये
अकेले कुछ हांसिल करना कठिन होता है. जब मैंने मैराथन में दौड़ने का निश्चय किया था , तो मेरे साथ दोस्तों और परिवार का support था, और साथ ही Guam में दौड़ने वालों की एक अच्छी community भी थी  जो मेरे साथ दौड़ते थे और मुझे encourage करते थे. जब मैंने smoking quit करनी चाही तो मैंने एक online forum join कर लिया , जो मेरे लिए बहुत helpful रहा. और इस काम में मेरी wife Eva  ने हर कदम पर मेरा साथ दिया. मैं उसकी और अन्य लोगों की मदद के बिना ऐसा नहीं कर पाता. अपना support network खोजिये , अपने आस-पास  या online या दोनों जगह.
9. Realize that there’s an ebb and flow इस बात को समझिये की उतार-चढ़ाव आते रहते हैं
Motivation कोई ऐसी चीज नहीं है जो हमेशा आपके साथ रहे. ये आती है , जाती है और फिर आती है, ज्वार की तरह . इस बात को समझिये की भले ही ये चली जाए , पर वो हमेशा के लिए नहीं चली जाती . Motivation वापस आती है.  बस अपने लक्ष्य से जुड़े रहिये और motivation के वापस आने का इंतज़ार कीजिय. इस दौरान अपने लक्ष्य के बारे में पढ़िए , दूसरों से मदद मांगिये , और यहाँ बताई अन्य  कुछ चीजें कीजिये जब तक की आप का motivation वापस ना आ जाये.
10. Stick with it. लगे रहिये
आप चाहे जो कुछ भी करिए , पर हार नहीं मानिए. भले आप आज या इस हफ्ते बिलकुल  ही motivated ना feel कर रहे हों , पर अपना लक्ष्य छोड़िये नहीं. आपकी motivation फिर वापस आएगी . अपने लक्ष्य को एक लम्बी यात्रा की तरह देखिये , और बीच में जो demotivation  आता है वो महज़ एक speed-breaker है. छोटी मोती बाधाएं आने पर  आप यात्रा नहीं छोड़ते. लम्बे समय तक अपने लक्ष्य के साथ जुड़े रहिये , उतार-चढ़ाव पार कीजिये और आप वहां पहुँच जायेंगे.
11.Start small. Really small छोटे, बहुत छोटे से शुरुआत कीजिये
अगर आपको शुरुआत करने में दिक्कत  हो  रही है तो शायद इसकी वजह ये है की आप बहुत बड़ा सोच रहे हैं. यदि आप व्यायाम करना चाहता हैं, तो शायद आप सोच रहे हों की हफ्ते में पांच दिन intensely workout करना है. नहीं – इसकी जगह छोटे-छोटे baby steps लीजिये. सिर्फ दो मिनट व्यायाम कीजिये. मुझे पता है ये आपको अटपटा लग रहा होगा. ये इतना आसान है, आप fail नहीं हो सकते. पर आप इसे करिए . बस कुछ crunches, 2 pushups, और वहीँ थोड़ी सी jogging. जब आपने एक हफ्ते तक ये २ मिनट तक कर लेंगे , तो इसे बढाकर पांच मिनट कर दीजिये , और एक हफ्ते तक इसे कीजिये. एक महीने में आप 15-20 मिनट करने लगेंगे. सुबह जल्दी उठाना चाहते हैं ? सुबह पांच बजे उठने का मत सोचिये, इसकी जगह आप एक हफ्ते तक बस 10 मिनट पहले उठिए . एक बार आपने ये कर लिया , तो 10 मिनट और जल्दी उठिए. Baby Steps.
12.Build on small successes छोटी छोटी उपलब्धियों के साथ आगे बढिए
एक बार फिर , अगर आप एक हफ्ते तक छोटे लक्ष्य के साथ शुरू करेंगे तो आप सफल होंगे. अगर किसी बेहद आसान चीज से शुरुआत करेंगे तो आप fail नहीं हो सकते. भला कौन दो मिनट तक exercise नहीं कर सकता? ( यदि आप वो हैं, तो मैं माफ़ी मांगता हूँ) और आप successful feel करेंगे , आपको अन्दर से अच्छा लगेगा. इसी feeling के साथ और छोटे-छोटे steps लेते  जाइये . For example : अपनी exercise routine में दो-तीन मिनट add करिए. हर एक step के साथ (और हर स्टेप कम से कम एक हफ्ते चलना चाहिए), और आप और भी successful feel करेंगे. हर एक स्टेप बहुत बहुत छोटा रखिये और आप fail नहीं होंगे. दो महीने बाद , आपके छोटे छोटे कदम आपको बहुत सारी progress और success दिलाएंगे
13.Read about it daily. रोज़ इसके बारे में पढ़ें
जब मैं अपना motivation lose करता हूँ , मैं अपने लक्ष्य से सम्बंधित कोई किताब या ब्लॉग पढता हूँ. ये मुझे प्रेरित करता है और मुझे दृढ बनता है. किसी वजह से आप जो कुछ भी पढ़ते हैं वो आपको उस विषय में प्रेरित करता है और आपका ध्यान केन्द्रित करने में मदद करता है. इसलिए अगर आप पढ़ सकते हैं तो रोज़ अपने लक्ष्य के बारे में पढ़िए , खासतौर से तब जब आप motivated ना feel कर रहे हों.
14.Call for help when your motivation ebbs  जब प्रेरणा कम हो तब मदद मांगिये
समस्या है? मदद मांगिये. मुझे email करिए. कोई online forum join करिए. अपने लिए कोई partner खोजिये. अपनी माँ को call कीजिये. इससे मतलब नहीं है की सामने वाला कौन है , बस अपनी समस्या बताइए , इस बारे में बात करना आपके लिए helpful होगा. उनकी advice मांगिये . उनसे आपको demotivated state से निकालने के लिए मदद करने के लिए कहिये. ये काम करता है.
15.Think about the benefits, not the difficulties. फायदों के बारे में सोचिये परेशानियों के बारे में नहीं
एक common problem है कि हम ये सोचते हैं कि कोई चीज कितनी कठिन है . Exercise करना बहुत कठिन लगता है ! इसके बारे में सोचना ही आपको थका देता है.पर ये सोचना कि बजाये की कोई चीज कितनी कठिन है , ये सोचिये की उसके कितने फायदे हैं.   For Example, ये सोचने की  जगह कि  व्यायाम करना कितना कठिन है;आप ये सोचिये की ये करने के बाद आप कितना अच्छा feel करेंगे, और long run में आप कितने healthier और slimmer होंगे. किसी चीज के फायदे आपको energize कर देंगे.
16.Squash negative thoughts; replace them with positive ones. नकारात्मक विचारों को त्यागिये और उन्हें सकारात्मक विचारों से बदल दीजिये
अपने विचारों को monitor करना ज़रूरी है. आप जो negative self-talk करते हैं, जो दरअसल आपको demotivate कर रहा है  उसे पहचानिए. कुछ दिन बस ये जानने में बिताइए कि आपके अन्दर कौन कौन से नकारात्मक विचार हैं, और फिर कुछ दिनों  बाद उन्हें एक bug की तरह अपने अन्दर से निकालिए , और फिर उन्हें corresponding positive thought से replace कर दीजिये . अगर आप सोचते हैं कि ,” ये बहुत कठिन है” तो उसे ” मैं ये कर सकता हूँ” से बदल दीजिये . अगर वो Leo इसे कर सकता है , तो मैं भी! ये कुछ अटपटा सुने देता है , पर ये काम करता है. सचमुच.

आज Facebook पे 1 billion+ Registered user हैं, यानि दुनिया का हर सातवाँ आदमी Facebook पे है

Facebook Hindi ArticleFacebook World  की  दूसरी   सबसे  ज्यादा  Visit की  जाने  वाली  Site है …...................................................(पहली  Google है )
Facebook  Over-Use
इसे  बनाने  वाले  दुनिया  के  Youngest billionaire  Mark Zukerberg ने  भी  कभी  नहीं  सोचा  था  की  ये  इतनी  जल्दी  इतनी  Popular हो  जाएगी  In fact ,  अगर   आप Facebook  पे  नहीं  हैं  तो  लोग  आपको  आश्चर्य  से  देखते  हैं Facebook  पे  नहीं  है …………...........जी कैसे रहा है  …… :) !!!” and all that.
आज  Facebook पे  1 billion+ Registered user हैं, यानि दुनिया का हर सातवाँ आदमी Facebook पे है  And in all Probability आप  भी  उन्ही में से एक होंगे  और  शौक  से  Facebook  use करते  होंगे . पर  जो  सोचने  की  बात  है  वो  ये कि  क्या  आप  Facebook use करते  Overuse  करते हैं  या  फिर  कहीं  आप  इसके  Addict तो  नहीं  !
Let’s Say use करने  का  मतलब  है  कि  आप  Facebook पर  Daily  1 घंटे  से  कम  समय  देते  हैं  , और  Overuse करने  का  मतलब  है  1 घंटे  से  ज्यादा .  और  हाँ , Use करने  से  बस  ये  मतलब  नहीं  है  कि  आप  Physically System के  सामने  या अपने  Smart Phone  को हाथ में लेकर  use करते  हैं  even अगर  आप  Facebook के  बारे  में  सोचते  हैं  तो  वो  भी  time usage में  count  होगा  after all वो  उतने  देर  के  लिए  आपका  mind space occupy कर  रहा  है .
और  अगर  आप  सोच  रहे  हैं  कि  कहीं  मैं  addict तो  नहीं  हूँ  तो  इन  traits को  देखिये  , अगर  ये  आपमें  हैं  तो  आप  addict हो  सकते  हैं :
  • आप का दिमाग अकसर इसी बात में लगा रहता है कि आपकी पोस्ट की गयी चीजों पर क्या कमेंट आया होगा, कितने लोगों ने लाइक किया होगा.
  • आप बिना मतलब बार-बार फेसबुक स्क्रीन रिफ्रेश करते हैं कि कुछ नया दिख जाए.
  • अगर थोड़ी देर आपका internet नहीं चला तो आप updates चेक करने  साइबर कैफे  चले  जाते हैं या दोस्त को फ़ोन करके पूछते हैं.
  • आप टॉयलेट में भी मोबाइल या लैपटॉप लेकर जाते हैं कि Facebook use कर सकें
  • आप सोने जाने से पहले सभी को Good Night  करते हैं और सुबह उठ कर सबसे पहले ये देखते हैं की आपकी गुड नाईट पर क्या Reactions आये.
अब मैं आपको अपने  usage  के  बारे  में   बताता  हूँ , on an average मैं  daily 10 minutes से  भी  कम   Facebook use करता  हूँ  including Facebook के  बारे  में  सोचने  का  time.  हाँ,  इसे  आप  under usage भी  कह  सकते  हैं .  :) In my opinion ideally Facebook आधे  घंटे  से  अधिक  नहीं  use करना  चाहिए  पर  फिर  भी  मैंने  over usage को  1 घंटे  से  ऊपर  रखा  है .
और  अब  आपकी  बात  करते  हैं , आप  कितनी  देर  Facebook use करते  हैं ?
Well, अगर  ये daily  1/2 घंटे  से  अधिक  है  तो  आप  अपना  time waste कर  रहे हैं , unless until आप Purposefully ऐसा  कर  रहे  हैं . Purposefully  means आप  अपना बिज़नस प्रमोट कर रहे हैं, किसी social cause के लिए campaign चला रहे हैं या कोई और meaningful  काम कर रहे हैं , इन cases  में अपना टाइम देना worth  है .
किस  तरह  के  लोग  Facebook ज़रुरत  से  अधिक  use करते  हैं :
In my opinion :
• जिनके  पास  कोई  meaningful goal   नहीं  है …… the wanderers
• जो  लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं  करना  चाहते  हैं ….the attention seekers.
• जो  अपनी  life से  अधिक  दूसरों  की  life में  interest रखते  हैं …..the peepers

 क्या नुकसान कर सकता है Facebook का over usage  ?
इसकी लिस्ट तो बहुत लम्बी है लेकिन आज मैं आपके साथ 7 ऐसे  points share कर रहा हूँ , तो आइये देखते हैं इन्हें :
1)  आप  unknowingly अपनी  happiness का  control दूसरों  को  दे  देते  हैं ?

कैसे ? दरअसल  अब  आपकी  happiness इस  बात  पर  depend करने  लगती है कि  Facebook पे  आपकी  बातों , आपकी  pics को  कितने  लोग  like कर  रहे  हैं , कितने  लोग  उसपर  comments कर  रहे  हैं …कैसे  comments कर  रहे  हैं …etc.  For instance आपने  एक  नई  watch ली  और  उसकी  photo post की …obviously आपको  watch बहुत  पसंद  थी  इसलिए  आपने  ली …पर  जब Facebook पे  उसे  अधिक  लोग  like नहीं  करते  और  कोई  उसका  मज़ाक  बना  देता  है  तो  आप  दुखी  हो  जाते  हैं .  और  उसका  उल्टा  भी  सही  है …आप  को  कोई  चीज  पसंद   नहीं  है  पर  बाकी  लोग  उसको  अच्छा   कह  देते  हैं  तो  आप  खुश  हो  जाते  हैं …so in a way आप  अपनी  happiness का  control अपने  Facebook friends को  दे  देते  हैं . मैं  ये  नहीं  कहता  कि  ये  सभी  के  साथ  होता  है  पर  इतना  ज़रूर  है  कि  हम  कहीं  न  कहीं  इन  चीजों  से  affect होते  हैं .
And  over a long period of time ये छोटे छोटे इफेक्ट्स बड़े होते जाते हैं और हमें पता भी नहीं चलता कि हम अपना real self कहाँ छोड़ आये.

2) आपको  दूसरों   की  blessings और  अपनी  shortcomings दिखाई  देने  लगती  है ?

Facebook  पर लोग  generally अपनी  life की  अच्छी  अच्छी   बातें  ही  share करते  हैं …लोग  अपने  साथ  हो  रही  अच्छी  चीजें   बताते  हैं  , उनके  status कुछ  ऐसे  होते  हैं  “ My new machine” , “ Lost in London”..etc
In reality आप  भी ऐसा  ही  करते  हैं , पर  अन्दर  ही  अन्दर  आप  अपनी  असलीयत  भी  जानते  हैं , पर  दूसरों  के  case में  आप  वही  देखते  हैं  जो  वो  आपको  दिखाते  हैं , आपको  उनकी  नई car नज़र  आती  है  पर  उसके  साथ  आने  वाला  EMI नहीं , आपको  friend का  swanky office तो  दीखता  है  पर  उसके  साथ  मिलने  वाली  tension नहीं . और  ऐसा  होने  पर  आप  उनकी  खुशियों  को  अपने  ग़मों  से  compare करने  लगते  हैं  और  ultimately low feel करने  लगते  हैं .
Facebook  की  वजह  से  depression में  जाने  वालों  की  संख्या  दिन ब दिन  बढती  जा  रही  है , just beware कि  आप भी  इसके  शिकार  न  हो   जाएं .

3) Real Friends और  relationships suffer करते  हैं :

कई  बार  लोग  बहुत  proudly बताते  हैं  , “ Facebook पे  मेरे  500 friends हैं …” I am sure उनमे  से  आधे  अगर  सामने  से  गुजर  जाएं  तो  वो  उन्हें  पहचान  भी  नहीं पायंगे . हकीकत में  Facebook पे  हमारे  friends कम  और  acquaintances ज्यादा  होते  हैं . खैर  ये  कोई  खराब  बात  नहीं  है …लेकिन  अगर  हम  इन  more or less fake relations को  ज़रुरत  से  अधिक  time देते  हैं  तो  कहीं  न  कहीं  हमें   अपनी  family और  friends को  जो  time देना  चाहिए  उससे  compromise करते  हैं . I know हमारे  close friends और  relations भी Facebook पे होते  हैं , but  frankly speaking Facebook पर  वो  भी  हमारे  लिए  आम  लोगों की  तरह  हो  जाते  हैं , क्योंकि   Facebook तो  एक  भीड़  की  तरह  है …और  भीड़  का  कोई  चेहरा  नहीं  होता ….जो  सामने  पड़ा …like किया  , comment दिया  और  आगे  बढ़  गए ….individuals को  attention देना  ये  Facebook की आत्मा  में  ही  नहीं  है .

4) आप  mainly addicts से  communicate करने  लगते  हैं :

शायद  आपने  Pareto principle के  बारे  में  सुना  होगा  …इस  Principle का  कहना  है  कि  80% चीजों  के  लिए  20% चीजें  जिम्मेदार  होती  हैं .
For  eg. किसी  company की  80 % sales 20% customers की  वजह  से  होती  है .
ऐसा  ही  कुछ Facebook पे  भी  होता  है …80% updates 20% लोगों  द्वारा  ही  की  जाती  है …और  आप  बार  बार  उन्ही  से  linkup होते  रहते  हैं …and basically ये  वही  Addict kind of लोग  होते  हैं  जो  बस  Facebook से  चिपके   ही  रहते  हैं . और  ऐसे   लोगों   से  interact करना  शायद  ही  कभी  आपको  काम  की  चीजें  बता  पाएं . ये  mostly waste of time ही  होता  हैं .

5)  आपको  Socially active  होने  का  भ्रम  हो  जाता  है  और  reality इसके  उलट  होती  है :

Facebook पे  होने  से  कई  लोग  खुद  को  socially active समझने  लगते  हैं , और  friends को  hi -bye कर  के  अपना  role पूरा  समझ  लेते  हैं . धीरे -धीरे  ये   बिलकुल  mechanical हो  जाता  है …आप  Facebook पे  तो  hi करते  हैं  लेकिन  जब  उसी  दोस्त  से  college या  office में  मिलते  हैं  तो  react भी  नहीं  करते …it is like आपकी online presence मायने रखती हो पर आपका खुद का मौजूद होना बेमानी हो .
और  जब  आप  ऐसे  behave करते  हैं  तो  लोग  आपको  avoid करने  लगते  हैं  और  कहीं  न  कहीं  आपको  fake समझने  लगते  हैं . यानि  आपको  तो  लगता  है  कि  आप  सबसे  touch में  हैं  पर  इसके  उलट  आप  अपना  touch खोते  जाते  हैं .

6) आपकी  health पर  बुरा  असर  पड़ता  है :

Facebook  पर  लगे  रहने  से  आपको  फिजिकल और मेंटल दोनों तरह की प्रॉब्लम हो सकती हैं. आपकी आँखें कमजोर पड़ सकती हैं, गलत Posture में बैठने से आपको स्पॉन्डिलाइटिस हो सकता है . और डिप्रेशन में जाने का खतरा तो हमेशा ही बना रहता है.

7) आप  अपनी  life के  सबसे  energetic days lazy entertainment में लगा  देते  हैं :

Facebook  use करने  वालों  की  demography देखी जाए  तो  इसे  सबसे  अधिक  teens और  twenties के  young लोग use करते  हैं . अगर आप इस age group से बाहर हैं तो ये point आपके लिए applicable नहीं है.
Teenage और twenties  life का  वो   time होता  है  जब  आपके  अन्दर  energy की  कोई  कमी  नहीं  होती …कभी  सोचा  है  कि  इस  वक्त  भगवान्  आपको  सबसे  अधिक  energy क्यों  देते  है ….क्योंकि   ये हमारे  life making years होते  हैं ….इस  समय  आपके  सामने  करने  को  बहुत  कुछ  होता  है …..पढाई  का  बोझ  या  घर  की  जिम्मेदारी  उठाने  का  challenge…अपना  career chose करने  और  competition beat करने  की  कशमकश …अपने  दिल  कि सुनकर  कुछ  कर गुजरने  की  चाहत  …parents के  सामने  हाथ  फैलाने  की  जगह  उनका  हाथ  थामने   कि  जिद्द …और  ये  सब  करने  के  लिए  उर्जा  चाहिए  …energy चाहिए ; but unfortunately Facebook का  over usage करने  वाले  उसे  गलत  जगह  invest करते  हैं . जहाँ  उनके  पास  करने  को  इतने  ज़रूरी  काम  हैं  वो  एक  कोने  में  बैठ  कर  , and in ,most of the cases लेट  कर …अपनी  life के  ये  energetic days एकदम  unproductive चीज  में  लगा  देते  हैं .
Friends अंत  में  मैं  यही  कहना चाहूँगा  कि  Facebook एक  शोर -शाराबे  से  भरे  mall की  तरह  है …यहाँ  थोडा वक़्त बीतायेंगे  तो  अच्छा   लगेगा लेकिन  अगर  वहीँ  घर  बना  कर  रहने  लगेंगे  तो  आपकी  ज़िन्दगी  औरों  की  आवाज़  के  शोर  में  बहरी  हो  जाएगी . उसे  बहरा  मत  होने  दीजिये ….अपना  time अपनी  energy कुछ  बड़ा  , कुछ  valuable , कुछ  शानदार  करने  में  लगाइए  और  जब  आप  ऐसा  करेंगे  तो  आपके  इस  काम  को  सिर्फ  आपके  friends ही  नही  बल्कि  पूरी  दुनिया  Like करेगी , और  ऊपर  वाला comment देगा , “gr8 job my son”
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