Thursday 14 February 2013

फेसबुक ने की पोस्ट डिलीट

इंटरनेट सेंसरशिप के खिलाफ 'सेव योर वॉयस' अभियान चला रहे आलोक दीक्षित के फेसबुक स्टेट्स
 I LOVE MY PAKISTAN को फेसबुक ने डिलीट कर दिया है। 
 
आलोक के इस पोस्ट पर 800 से अधिक टिप्पणियां आईं थी। फेसबुक ने पोस्ट डिलीट करते वक्त अपने स्टेटमेंट ऑफ राइट्स एंड रेस्पांसिबिलीटीज का हवाला दिया है। 
 
यह वह समझौता है जो हर फेसबुक यूजर फेसबुक के साथ करता है। इसके तहत फेसबुक किसी भी सामग्री को हटा सकती है। हालांकि फेसबुक हटाई गई सामग्री को रिव्यू करने का मौका भी देता है। 
 
लेकिन सामग्री हटाने का कोई ठोस कारण होना चाहिए। कोई भी कंटेंट तब ही हटाया जाता है जब वह किसी और के अधिकारों का उल्लंघन कर रहा हो। आलोक दीक्षित के स्टेट्स को फेसबुक द्वारा हटाए जाने ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। आलोक का कहना है कि वह सिर्फ अपनी अभिव्यक्ति की आजादी के तहत अपनी बात कह रहे थे। 
 
दैनिक भास्कर डॉट कॉम से बातचीत में आलोक दीक्षित ने कहा, 'हमारे समाज में पहले से ही आजाद ख्यालों की अभिव्यक्ति की आजादी नहीं थी, इंटरनेट एक सशक्त माध्यम के रूप में उभरा था लेकिन अब यहां भी अतिवादियों का कब्जा हो गया है। मेरे स्टेट्स पर सैंकड़ों लोगों ने टिप्पणियां की थी, मुझे गालियां दी गईं थी लेकिन मैंने किसी का विरोध नहीं किया, न ही शिकायत की। लेकिन उन लोगों ने मेरे ही स्टे्टस को रिपोर्ट कर दिया और फेसबुक ने सिर्फ लोगों की शिकायत के आधार पर बिना किसी खास पड़ताल के मेरा स्टेट्स डिलीट कर दिया। स्टेट्स डिलीट करते वक्त फेसबुक ने स्टेट्मेंट ऑफ राइट्स एंड रेसपोंसिबिलीटीज का हवाला दिया है। जबकि इनके तहत वही कंटेट डिलीट किया जाता है जो दूसरे के अधिकारों का उल्लंघन करता हो, मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि मेरे इस पोस्ट ने किसके किस अधिकार का उल्लंघन किया है। ऐसा लग रहा है जैसे अब माइनारिटी थॉट पर ही पाबंदी लगा दी गई हो। अल्पसंख्यक विचारधारा के लोगों को समाज में बोलने का अधिकार पहले से ही नहीं था, अब इंटरनेट पर भी इस अधिकार को छीना जा रहा है।'
 
आलोक आगे कहते हैं, 'हम जिसा रास्ते पर बढ़ रहे हैं वह खतरनाक है। सिर्फ अंधराष्ट्रभक्त और धर्म और नफरत की राजनीति करने वाले ही समाज में नहीं रह सकते। उदारवादी लोगों को भी बराबर का अधिकार होना चाहिए। इस तरह से अधिकारों का हनन निंदनीय है। हमारे पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन ये कैसी अभिव्यक्ति की हम आई लव पाकिस्तान तक नहीं लिख सकते। मैंने यह स्टेट्स सिर्फ इसलिए लिखा था क्योंकि मैं दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों की ख्वाहिश रखता हूं।'
 
हालांकि सिर्फ आलोक दीक्षित के अकाउंट को ही निशाना नहीं बनाया गया है। पेशे से पत्रकार हसन जावेद के फेसबुक अकाउंट को भी जांच एजेंसियों ने डिलीट करने की धमकी दी है। हसन जावेद ने अफजल गुरु की फांसी पर सवाल उठाए थे।

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