Friday 12 April 2013

नमस्कार मे जादू

नमस्कार मे जादू है। नमस्कार संबन्धो का द्वार है। नमस्कार का अर्थ अभिवादन है। यह एक दुसरे से मिलने पर किया जाता है। यह संस्कृत से निकला  हुआ शब्द है। यह संस्कृत के नमः, ओम एंव कार से मिलकर बना है। नमस्ते नमस्कार का अनौपचारिक रूप है। नमस्ते शब्द संस्कृत के नमः एंव ते   शब्द से मिल कर बना है जिसका अर्थ होता है कि आपको नमन करता हूँ।
इसका अर्थ है कि मै आपके भीतर बैठी दिव्यता एंव अच्छाई को नमन करता हूॅ। मेरे भीतर की दिव्यता आपके भीतर विराजमान दिव्यता का सम्मान करती है। नमस्कार स्वागत एंव सम्मान देने का गेष्चर है। इसमे आपका बड़प्पन है एंव विनम्रता झलकती है। स्वयं को भी नमस्कार करे। नमस्कार आपका परिचय भी खुद से कराता है जहां संचित रहती है अनलिमिटेड एनर्जी। एक छोटा सा नमस्कार आपको दूसरो से अधिक सक्षम और प्रतिभाशली बनाने की क्षमता रखता है।श
जय श्री राम, प्रणाम, हैलो, जय माता दी , सलाम, आदि नमस्कार के ही अवतार है। इनमे षब्दांे का कुल मिलाकर भावार्थ समान ही है। हाथ मिला कर, हाथ जोड कर, हाथ उॅचे करे, गर्दन झुकाकर, मुस्कुरा कर आदि तरीको से भी नमस्कार किया जाता है।
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