येरवदा जेल से संजय दत्त 14 दिन की पैरोल पर अपने घर आए हुए हैं।
बच्चों के जन्मदिन और माता की चौकी को बहुत ही प्राइवेसी के साथ मनाने के
अलावा उन्होंने अपना इलाज भी कराया। दरअसल, संजू को लगातार पैर में दर्द की
परेशानी थी, जो साधारण नहीं, बल्कि पैरिफेरल आट्री डिसीज (पैड) है। इसमें
किसी अंग तक लगातार खून नहीं पहुंचने से दर्द बढ़ता है और टिशू मरने लगते
हैं।
अंतत: गैंगरीन जैसी बड़ी बीमारी तक में तब्दील हो सकता है। आमतौर पर
लोग इस तरह के दर्द को नजरअंदाज करते हैं, लेकिन संजू ने समय रहते इलाज की
मांग की। देश में ऐसे 1.5 करोड़ लोग हैं, जो शरीर के विभिन्न अंगों में इस
तरह के दर्द से पीड़ित रहते हैं और बाबा भी इस पेनफुल ब्रिगेड में शामिल हो
गए हैं।
1993 के बम धमाकों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेता संजय दत्त को
पांच साल की सजा सुनाई थी, जिनमें से वे 18 महीनें पहले ही काट चुके हैं।
शेष 32 महीनों के लिए उन्हें मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जेल भेज
दिया।फिलहाल संजय दत्त 14 दिन की पैरोल पर अपने घर आए हुए हैं।
कभी मुन्ना भाई बनकर 'हथियार' चलाने वाले तो कभी मुरली प्रसाद शर्मा
बनकर लोगों को हंसाने वाले संजू बाबा ने कभी किस्मत से मात खाई तो कभी
उन्हें कानून की पटखनी खानी पड़ी।