शायद सुनने में अजीब लगे पर ये एक
सार्वभौमिक सत्य है. A Universal Truth. यानि हम अपनी सोच के दम पर जो चाहे
वो बन सकते हैं. और ये कोई नयी खोज नहीं है भगवान् बुद्ध ने भी कहा है “हम जो कुछ भी हैं वो हमने आज तक क्या सोचा इस बात का परिणाम है. “ स्वामी विवेकानंद
ने भी यही बात इन शब्दों में कही है ” हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने
बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं.
विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं.”