Friday 11 October 2013

Amitabh Bachchan - बुढ्ढा होगा तेरा बाप

अमिताभ बच्चन का पूरा नाम अमिताभ हरिवंश श्रीवास्तव है।
आज जो उचाईयाँ अमिताभ जी ने पाई है। उसका श्रेय जाता है। इंदिरा गाॅन्धी जी की उस चिटृठी को जो इंदिरा गाॅन्धी जी ने फिल्म निर्देशक जी को भेजी थी उस चिटृठी ने अमिताभ जी का जीवन ही वदल दिया आखिर क्यो नही इंदिरा गाॅन्धी जी उस समय देश पर राज जो कर रही थी और अमिताभ जी की माॅ इंदिरा गाॅन्धी जी की खास दोस्त जो थी। इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, में जन्मे अमिताभ बच्चन हिंदू कायस्थ परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता, डॉ. हरिवंश राय बच्चन प्रसिद्ध हिन्दी कवि थे, जबकि उनकी माँ तेजी बच्चन कराची के सिख परिवार से संबंध रखती थीं।आरंभ में बच्चन का नाम इंकलाब रखा गया था जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रयोग में किए गए प्रेरित वाक्यांश इंकलाब जिंदाबाद से लिया गया था। लेकिन बाद में इनका फिर से अमिताभ नाम रख दिया गया जिसका अर्थ है, "ऐसा प्रकाश जो कभी नहीं बुझेगा"। यद्यपि इनका अंतिम नाम श्रीवास्तव था फिर भी इनके पिता ने इस उपनाम को अपने कृतियों को प्रकाशित करने वाले बच्चन नाम से उद्धृत किया। यह उनका अंतिम नाम ही है जिसके साथ उन्होंने फिल्मों में एवं सभी सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए उपयोग किया। अब यह उनके परिवार के समस्त सदस्यों का उपनाम बन गया है।
अमिताभ, हरिवंश राय बच्चन के दो बेटों में सबसे बड़े हैं। उनके दूसरे बेटे का नाम अजिताभ है। इनकी माता की थिएटर में गहरी रुचि थी और उन्हें फिल्म में भी रोल की पेशकश की गई थी किंतु इन्होंने गृहणि बनना ही पसंद किया। अमिताभ के कैरियर के चुनाव में इनकी माता का भी कुछ हिस्सा था क्योंकि वे हमेशा इस बात पर भी जोर देती थी कि उन्हें सेंटर स्टेज को अपना कैरियर बनाना चाहिए। बच्चन के पिता का देहांत २००३ में हो गया था जबकि उनकी माता की मृत्यु २१ दिसंबर २००७ को हुई थीं। 

बच्चन ने दो बार एम. ए. की उपाधि ग्रहण की है। मास्टर ऑफ आर्ट्स (स्नातकोत्तर) इन्होंने इलाहाबाद के ज्ञान प्रबोधिनी और बॉयज़ हाई स्कूल (बीएचएस) तथा उसके बाद नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में पढ़ाई की जहाँ कला संकाय में प्रवेश दिलाया गया। अमिताभ बाद में अध्ययन करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज चले गए जहां इन्होंने विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की। अपनी आयु के २० के दशक में बच्चन ने अभियन में अपना कैरियर आजमाने के लिए कोलकता की एक शिपिंग फर्म बर्ड एंड कंपनी में किराया ब्रोकर की नौकरी छोड़ दी।
३ जून, १९७३ को इन्होंने बंगाली संस्कार के अनुसार अभिनेत्री जया भादुड़ी से विवाह कर लिया। इस दंपती को दो बच्चों: बेटी श्वेता और पुत्र अभिषेक पैदा हुए।
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