Wednesday 30 October 2013

नरेंद्र मोदी की रैली में देश के भविष्य कहे जाने वाले छात्रों ने दस-दस हजार रुपये में रख बम

देश के भविष्य कहे जाने वाले छात्रों ने चंद रुपयों की खातिर लोगों की जान व अपने ईमान का सौदा कर डाला। आतंकियों के हाथ बिके इन छात्रों ने ही नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान रविवार को गांधी मैदान में बम रखे थे। इसका खुलासा पुलिस गिरफ्त में आए इम्तियाज से पूछताछ में हुआ है। उसने एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को बताया कि वह और तहसीन अपनी टोली के साथ रांची से 18 बम लेकर पटना आए थे। जहां बमों को रैली स्थल पर लगाने का काम पटना के लॉज में रहकर पढ़ाई करने वाले कुछ छात्रों को दिया था। इसके बदले उन्हें दस-दस हजार रुपये दिए गए थे।
इम्तियाज ने बताया है कि इंडियन मुजाहिदीन ने ही बोधगया ब्लास्ट के बाद पटना में ब्लास्ट की साजिश रची गई थी। बोधगया ब्लास्ट की तरह पटना में भी टाइमर के रूप में लोटस ब्रांडनेम वाली घड़ी का इस्तेमाल किया गया। गांधी मैदान में बम ब्लास्ट से पहले वह तहसीन के साथ कई बार पटना आया। हर बार वे सब्जीबाग, भंवर पोखर और नया टोला स्थित लॉज में ठहरे और उनमें रहने वाले छात्रों को कौम से जुड़ी भड़काऊ सीडी एवं वीडियो दिखा संगठन से जोड़ने का प्रयास किया। रुपये के लोभ में फंसकर आठ छात्र उनके संगठन से जुड़ गए। जिनकी पढ़ाई का खर्चा बाद में आइएम उठाने लगा। हर माह किसी न किसी माध्यम से इन छात्रों तक रुपये पहुंचा दिए जाते थे। जांच एजेंसी ने उन छात्रों के नाम अभी गोपनीय रखे हैं। इम्तियाज ने बताया कि रविवार को भी रांची से पहुंचने पर इन आठ छात्रों को लैपटॉप बैग के साथ मीठापुर बस स्टैंड बुलाया था। जहां सभी के बैग में टाइमर बम रखकर उन्हें बमों को सक्रिय करने की विधि भी बताई गई। सभी छात्रों को आतंकियों ने दस-दस हजार रुपये दिए और गांधी मैदान में बमों को रखने के लिए कहा। एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) के पास इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं सभी बम एक ही बनावट व तरीके के हैं। इम्तियाज के बयान से एनएसजी की इस जांच को बल मिला है कि गांधी मैदान में प्लांट सभी बम इसलिए नहीं फटे क्योंकि उन्हें रखने वालों को सही तरीके से प्रशिक्षण नहीं दिया गया था
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...